कहानी: नए प्रयोग का जादू चल गया
सुलभा ने फोन करके सलोनी को नए प्रयोग की सफलता का शुभ समाचार भी दिया और धन्यवाद भी। सचमुच नए प्रयोग का जादू चल गया था...सुलभा ने फोन करके सलोनी को नए प्रयोग की सफलता का शुभ समाचार भी दिया और धन्यवाद भी।...
View Articleकहानी: 'मिशन जर्नलिज्म' जिंदा रहेगा
उसे यह कहते हुए ठुकरा दिया कि जो क्लास में भी अंग्रेजी में ठीक से नहीं बोल पाता, वह प्रिंसिपल और अन्य अधिकारियों से मीटिंग में बात कैसे कर पाएगा...उसे यह कहते हुए ठुकरा दिया कि जो क्लास में भी अंग्रेजी...
View Articleकहानी- डाइनिंग टेबिल पर बहार
रमेश को बचपन से ही हमेशा अपने पिताजी से शिकायत रहती थी. कारण भी कोई विशेष नहीं था. बस बात इतनी-सी थी कि...रमेश को बचपन से ही हमेशा अपने पिताजी से शिकायत रहती थी. कारण भी कोई विशेष नहीं था. बस बात...
View Articleकहानी-पश्चाताप की झलक
बड़ी मुश्किल से उसने दसवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा पास की ताकि उसकी शादी में बाधा न आए। कुछ सालों में उसकी शादी भी हो गई...बड़ी मुश्किल से उसने दसवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा पास की ताकि उसकी शादी में...
View Articleव्यंग्य- जब बीवी ने फेसबुक पर प्रोफाइल बनाया
आज मैं आपको अपनी दुख भरी दास्तान सुनाने जा रहा हूँ जिस दिन भैंस पानी में गई थी. मेरा मतलब जिस दिन मैंने अपनी बीबी को नेट पर फेसबुक दिखाया...आज मैं आपको अपनी दुख भरी दास्तान सुनाने जा रहा हूँ जिस दिन...
View Articleकहानी- चारुलता
'नहीं, ऐसा कुछ नहीं है, मैं रो नहीं रही थी' चारुलता ने जल्दी से बोला और वह अपने कमरे की तरफ आंसू पोंछते हुए भाग गई...'नहीं, ऐसा कुछ नहीं है, मैं रो नहीं रही थी' चारुलता ने जल्दी से बोला और वह अपने कमरे...
View Articleकहानी- चारुलता (अगला भाग)
जिन्दगी का चक्र तो उनके जाने के साथ बदल गया. जब दादी माँ का वसीयत खोली गई तो सबको उसके नाम पर जायदाद और संपत्ति के होने का सदमा लगा....जिन्दगी का चक्र तो उनके जाने के साथ बदल गया. जब दादी माँ का वसीयत...
View Articleकहानी- चारुलता (तीसरा भाग)
चारुलता मुश्किल में पड़ गई. उसके पास न करने की हिम्मत नहीं थी. उसे फिर घर से निकाले जाने की धमकी दी गई...चारुलता मुश्किल में पड़ गई. उसके पास न करने की हिम्मत नहीं थी. उसे फिर घर से निकाले जाने की धमकी...
View Articleकहानी- चारुलता (आखिरी किस्त)
उसे कुछ समझ में नहीं आया, उसने मयंक के माँ-बाप को भी वहां देखा तो उसे मामला गंभीर लगा. जब चाचाजी ने उसके...उसे कुछ समझ में नहीं आया, उसने मयंक के माँ-बाप को भी वहां देखा तो उसे मामला गंभीर लगा. जब...
View Articleकहानी-अजीब इत्तफाक
अनिला और सुशील एक ही विषय की सह-अध्यापिकाएं थीं और स्वभाव मिलने के कारण पक्की सहेलियां भी...अनिला और सुशील एक ही विषय की सह-अध्यापिकाएं थीं और स्वभाव मिलने के कारण पक्की सहेलियां भी...
View Articleकहानी: चौथी कैटेगरी
निपुण जैन jainnipun04@gmail.com एक राजा के घर में चार अपराधी पेश किये गए . चारों पर एक जैसा इल्जाम था. दरबार शुरू हुआ तो राजा ने आदेश दिया कि एक एक कर सभी को दरबार में पेश किया गया. पहला अपराधी पेश...
View Articleकहानी: समर्पण का सम्मान
लीला तिवानी उसका नाम था सखाराम. यथा नाम तथा काम के अनुसार वह सचमुच सबका सखा था. अपनी ड्यूटी का सखा , कर्त्तव्य का सखा , विद्या का सखा , विद्यालय का सखा , विद्यार्थियों का सखा , स्टाफ का सखा और सबसे...
View Articleव्यंग्य: पति, उत्पति से विपत्ति तक
डॉक्टर रंजन महेश्वरी बैंकॉक, थाईलैंड यूं तो इस रंग-रंगीली दुनिया में भांति भांति के जीव, जन्तु , वनस्पति इत्यादि भोजन के लिये पहले से ही उपलब्ध हैं। प्रतिदिन कोई न कोई शिकारी किसी जीव का शिकार करता है...
View Articleछात्रों का झूठ
सुनील कुमार चार दोस्त एक कॉलेज में पढ़ते थे।उन सबने मिलकर फाइनल पेपर से ठीक पहले देर रात तक पिक्चर देखी और अगले दिन सभी देर से उठे। वे सब पेपर का समय निकल जाने पर बहुत परेशान हुए। उन्होंने प्रिंसिपल...
View Articleकहानी: रिश्तों की वैतरणी
रचना श्रीवास्तव आज विश्वविद्यालय उसको जल्दी पहुंचना था पर यहाँ पहुचते पहुँचते देर हो ही गई थी. सुगन्धा ने कहा "माँ तुम पिता जी के साथ आमंत्रित मेहमानों की जगह पर बैठ जाओ .मै अन्दर जा कर गाउन ले आऊं"....
View Articleकहानी: ज़िन्दगी तेरे कितने रंग
मनीष कुमार पटेल कहानी कश्मीर के एक नौजवान मुस्लिम आईपीएस अधिकारी की है, जो राजनीतिक व प्रशासनिक कुव्यव्स्थायों से तंग आकर आतंक की राह पकड़ लेता है और एक राजनीतिक हत्या के अभियान के दौरान पकड़ा जाता है।...
View Articleकहानी: यह कैसा मिलन?
वेदना उपाध्याय रात नींद न आने के कारण उसने बोल्गा से गंगा पूरा का पूरा उपन्यास पढ़ डाला। तब न जाने कब रात तीन -चार बजे उसकी आंख लगी उसे नहीं पता, सबेरे की धूप खिड़की के रास्ते कमरे में प्रवेश कर सफेद...
View Articleकहानी: यह कैसा मिलन
वेदना उपाध्याय रात नींद न आने के कारण उसने बोल्गा से गंगा पूरा का पूरा उपन्यास पढ़ डाला। तब न जाने कब रात तीन - चार बजे उसकी आंख लगी उसे नहीं पता , सबेरे की धूप खिड़की के रास्ते कमरे में प्रवेश कर...
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वेदना उपाध्याय अब तक आपने पढ़ा... क्लिक करें आगे पढ़िए... डॉक्टर भूलकर भी नहीं , मैं कोई पब्लिसिटी नहीं करना चाहती। ये मेरा फर्ज़ था , इंसानियत के नाते सो मैंने निभाया है। मैम आप उससे मिलेंगी अभी ?...
View Articleकहानी: रिश्वत पाने के लिए कुछ भी...
रिश्वतखोरों का न तो कोई ईमान होता है और न ही उनके दिल में किसी के प्रति प्रेम होता है। उन्हें हर जगह सिर्फ रिश्वत ही नजर आती है। रिश्वत के लिए चाहे उनको घटिया काम ही क्यों न करना पड़े। यह कहानी भी कुछ...
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